राजपूत को काबू कैसे करे

Rajput ko kabu kaise kare ? नमस्ते दोस्तों ये कैसे करे.कॉम में आपका स्वागत है,

बहुत ही भारी संख्या में लोग गूगल पर सर्च कर रहे की “ Rajput ko kabu kaise kare ”

तो मेने यह लेख राजपूतों के बारे में लिखा है जिससे लोगो में मन की

जो अभीप्सा है “Rajput ko kabu kaise kare” को शांत किया जा सकेगा

सर्वप्रथम हमें ये जानना होगा की ये राजपूत होते कोन है और यह हमारे देश में कैसे आये इनकी उत्पत्ति कैसे हुई

राजपूतो की उत्पति पर अलग अलग इतिहासकारों के अलग अलग मत है,

आइये जानते है की राजपूतो की उत्पत्ति हुई कैसे :-

1 अग्रिकुण्ड से उत्पत्ति :

चन्दबरदाई ने ‘पृथ्वीराजरासो’ में राजपूतों को अग्निकुण्ड से उत्पन्न बताया है।

इनके अनुसार आबू पर्वत पर हवन किया गया इस हवन के अग्निकुण्ड से चार नायक उत्पन्न हुए

तथा उन्होंने परमार, प्रतिहार, चौहान और सोलंकी (चालुक्य) वंशों की स्थापना की।

2 क्षत्रियों से उत्पत्ति :

VC. वैद्य, और GH ओझा का मत है कि राजपूत वैदिक क्षत्रियों के वंशज है

और इन विद्वानों ने राजपूतों को प्राचीन सूर्यवंशी और चन्द्रवंशी क्षत्रियों से सम्बन्धित बताया है।

3 विदेश से उत्पत्ति :

कर्नल जेम्स टॉड के अनुसार राजपूत सीधियन जाति के वंशज थे।

इनका मत है कि अश्वमेध यज्ञो का प्रचलन शस्त्र पूजा, और बहु-विवाह आदि रीति-रिवाज

इन विदेशी जातियों व राजपूतों में समान हैं। इस आधार पर कर्नल जेम्स टॉड राजपूतों को विदेशी जाति का वंशज मानते हैं।

4 मिश्रित जाति से उत्पत्ति

V.N. स्मिथ ने राजपूतों को मिश्रित जाति का माना है।

V.N.स्मिथ के अनुसार बहुत-सी विदेशी जातियां हुण, कुषाण, सीधियन, शक आदि भारत आए

और यहाँ स्थायी रूप से बस गए। क्षत्रियों जैसे लक्षण होने के कारण भारतीय क्षत्रियों से इनका मेल-मिलाप बढ़ा

और वेवाहिक सम्बन्ध स्थापित हुए। कालान्तर में ये जातियाँ भारतीय समाज में मिल गए

इस प्रकार रक्तमिश्रण से राजपूतों की उत्पत्ति हुई।

5 ब्राह्मणों से उत्पत्ति :

रामकृष्ण गोपाल भण्डारकर ने राजपूतों को ब्राह्मण की संतान माना हैं।

तो इन पांचो उत्पति के सिधांत से अपने जाना की राजपूत उत्पत्ति पे कितने इतिहासकारों ने अपने – अपने मत रखे

राजपूत को काबू में करना दुनिया का सपना था पर कोई भी राजपूत को काबू में नही कर पाया

अकबर में 12 साल संघर्ष किया लेकिन महाराणा प्रताप को अपने काबू में नही कर पाए

सलुम्बर राजस्थान के रतन सिंह की पत्नी सहल कँवर ने अपने पति को युद्ध में जाते हुए अपना

सर काटकर भेंट कर दिया वो थी राजपूत

चित्तोडगढ की रानी पद्मिनी ने अलाउद्दीन खिलजी द्वारा हमला करने पर जोहर कर दिया वो थी राजपूत.

Rajput status

अतः हमें गर्व होना चाहिए की हमारे देश में एक ऐसी जाति है जिसने सदैव शूरवीरों को जन्म दिया है, और हम उनको काबू में करने की सोच रहें है, अपनी सोच बदले और सम्मान करे देश की सभी जाति और धर्म का, भारत एक पंथनिरपेक्ष राष्ट्र है.  

Rajput status

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